Monday 12 November 2012

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं :-

"काशी साईं परिवार

सभी सम्मानित भारत वंशियो को 

और 

इस ब्लॉग के सुधी पाठकों को 

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

देता है...

!! साईं भारत प्रेम !!



Wednesday 7 November 2012

संकटमोचन ब्लास्ट केस वापस होगा...!

वाराणसी। संकटमोचन मंदिर में हुए बम विस्फोट के आरोपी वलीउल्लाह और शमीम से मुकदमे हटाने की प्रदेश सरकार ने तैयारी कर ली है। बनारस के जिला अधिकारी सौरभ बाबू को इस संबंध में गृह विभाग के विशेष सचिव राजेंद्र कुमार ने 31 अक्तूबर को पत्र लिखकर कई सूचनाएं मांगी हैं। पत्र में लंका (संकटमोचन), जीआरपी कैंट (कैंट रेलवे स्टेशन) और दशाश्वमेध थाना क्षेत्रों में हुए विस्फोटों में सरकार बनाम वलीउल्लाह और शमीम आदि के अभियोजन वापसी की बात कही गई है। सात मार्च 2006 को संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट में 28 लोग मारे गए थे, जबकि सौ से अधिक घायल हुए थे। उसी दिन दशाश्वमेध क्षेत्र में जिंदा बम भी मिला था।
इस पत्र को जिला प्रशासन ने दबा रखा है। जिलाधिकारी सौरभ बाबू इस बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं। पत्र के जरिये मुकदमे का नंबर, लगाई गई धाराएं, जिस अदालत में मामला लंबित है और जिन अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया है, यह सब जानकारी मांगी गई है। रिपोर्ट के साथ एफआईआर और आरोप पत्र की स्पष्ट पठनीय प्रतिलिपि भी भेजने को कहा गया है। इतना ही नहीं बम विस्फोट में जो लोग घायल हुए उनकी चोटों का विवरण, विवेचना के दौरान बरामदगी, अदालत में मुकदमे की स्थिति, केस डायरी में मिले साक्ष्य और अभियोजन की सफलता और दुर्बलता का विश्लेषण करते हुए अभियोजन अधिकारी की राय देने को भी कहा गया है। इसी के साथ केस वापसी के बारे में पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी की राय भी मांगी गई है।
अमर उजाला की जानकारी के मुताबिक बम धमाकों से जुड़े कुल छह मुकदमों में पुलिस आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। न्यायालय में ट्रायल चल रहा है। वहीं आतंकी हमलों की जांच एवं गिरफ्तारी को लेकर वाराणसी निवासी राकेश न्यायिक ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। 21 नवंबर को उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। 

 अमर उजाला प्रकाशन को कोटिश: धन्यवाद।
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 पाठकों से निवेदन है कि, कृपया उक्त पोस्ट पर अपने Comment अवश्य दें। 
धन्यवाद ...!!!

Wednesday 5 September 2012

शिक्षक सम्मान समारोह में उषा दुबे, उपाध्यक्ष, काशी साईं का सम्मान :-

आज तिथि 05-09-2012 को Kashi Sai Foundation Society की उपाध्यक्ष व जिला पंचायत कन्या उ0 मा0 विद्यालय, चौबेपुर, वाराणसी की पूर्व प्रधानाचार्या (श्रीमती) उषा दुबे का सम्मान उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ, वाराणसी ने "शिक्षक सम्मान समारोह" में अन्य के साथ किया।

Sunday 12 August 2012

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...!!!

"काशी साईं परिवार" सभी सम्मानित भारत वंशियो को और इस ब्लॉग के सुधी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस -2012 की हार्दिक शुभकामनाएं देता है।
 

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सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा
हम बुलबुले है इसकी ये गुलसिता हमारा ॥धृ॥
घुर्बत मे हो अगर हम रहता है दिल वतन मे
समझो वही हमे भी दिल है जहाँ हमारा ॥१॥
परबत वो सब से ऊंचा हमसाय आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबा हमारा ।२॥
गोदी मे खेलती है इसकी हजारो नदिया
गुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जना हमारा ।३॥
ए अब रौद गंगा वो दिन है याद तुझको
उतर तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा ॥४॥
मझहब नही सिखाता आपस मे बैर रखना
हिन्दवी है हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा ॥५॥
युनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिल गये जहाँ से
अब तक मगर है बांकी नामो-निशान हमारा ॥६॥
कुछ बात है की हस्ती मिटती नही हमारी
सदियो रहा है दुश्मन दौर-ए-जमान हमारा ॥७॥
इक़्बाल कोइ मेहरम अपना नही जहाँ मे
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहा हमारा ॥८॥
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सन्देश:- कृपया हमारे भारत की सबसे बड़ी बीमारी "भ्रष्टाचार" को खत्म करने का प्रयास करें, खुद भी "भ्रष्टाचार" में लिप्त ना होये और दूसरों को भी "भ्रष्टाचार" में लिप्त होने से रोकने के लिए मधुर कोशिश करे। ताकि भारत दुनिया का सबसे अच्छा मुल्क बन सके तथा हम और आप इस महान लोकतंत्र के सम्मानित नागरिक बन सकें।

!! जय भारत प्रेम !!


Monday 21 May 2012

"गंगा मुक्ति महासंग्राम" दिनांक 21-मई-2012 :-

आज दिनांक 21-मई-2012 को "गंगा मुक्ति महासंग्राम" बेनियाबाग़ पार्क, वाराणसी में संतों के साथ-साथ वाराणसी व अन्य जिलों एवं अन्य राज्य के संतों, जनता, व्यापारियों, बुद्धजीवियों, अधिवाक्तों तथा  राजनैतिक  दलों के प्रतिनिधियों ने गंगा रक्षा का संकल्प लिया  और माँ गंगा की निर्मलता व अविरलता के लिये हर संभव प्रयास करने का  संकल्प लेकर  गंगा  को  हर हाल में मुक्त कराने की बात कही।


"गंगा मुक्ति महासंग्राम" कुछ छायाचित्र आप सबके समक्ष पेश है:-










लेखक के व्यक्तिगत विचार :-
उक्त "गंगा मुक्ति महासंग्राम" में स्वामी  सानंद की  वाणी  में  माँ  गंगा  के  लिए अत्यधिक  कष्ट  व  पीड़ा  दिखी  और  गंगा  के  लिये  चलाये  जा  रहे  आन्दोलनों के राजनैतिकरण को लेकर  भी कष्ट भी साफ-साफ  दिखा। राजनीति चाहे संतों की हो, चाहे राजनैतिक  दलों  की हो। 
स्वामी सानंद जी आपकी तरह  हमें भी "बाबा विश्वानाथ" का ही आसरा है, क्योंकि हम  मानवों  के सभी प्रतिनिधियों के बस में "माँ गंगा" को  निर्मल  व अविरल करने का अब मादा नहीं रह गया है.... अत: महादेव अब आप ही हमारी और माँ गंगा की रक्षा करें।

Sunday 20 May 2012

"गंगा मुक्ति महासंग्राम" में सम्मिलित होने के लिए निवेदन :-

"काशी साईं परिवार" सभी सम्मानित भारत वंशियो और इस ब्लॉग के सुधी पाठकों से विनम्र निवेदन करता है 21-मई-2012 को सायं 4:00 बजे "गंगा मुक्ति महासंग्राम"  में सम्मिलित होकर "माँ गंगा" की मुक्ति में अपना सहयोग देने की कृपा करे।

आज 20-05-2012 को "काशी साईं परिवार" के सचिव अंशुमान दुबे ने बेनियाबाग़ पार्क, वाराणसी गए और कल के "गंगा मुक्ति महासंग्राम" की तैयारियों को देखा। 

कुछ छायाचित्र आप सबके समक्ष पेश है:-






कृपया हमारे भारत की जीवन रेखा "गंगा" को खत्म होने से बचाने का प्रयास करें।

!! जय भारत प्रेम !!

Saturday 19 May 2012

125 दिनों की तपस्या - गंगा है तंग :-

 गंगा के तट पर संत है तपस्या रत,
जनता भी है समर्थन में संग,
गली, महाल सब है गंगा के रंग,
कब जागोगे सत्ता वालो गंगा है तंग,
एक माँ का दूध पिया है,
एक माँ का नीर पिया है,
एक माँ के हो संग और,
एक माँ को करते हो तंग,
कब जागोगे सत्ता वालो गंगा है तंग ||

Friday 18 May 2012

क्रांति की हवा :-


चली जो तेज़ हवा तो धरकत हिल जायेंगे,
चली जो सर्द हवा तो लहू जम जायेगा,
पर चली जो क्रांति की हवा तो तख़्त हिल जायेंगे,
माँ गंगा के लिए मिले जो हाथ हमारे,
तो सर तुम्हारे कट जायेंगे।

कतरा कतरा जो गंगा बहती है :-

कतरा कतरा जो गंगा बहती है, 
जैसे कतरा कतरा लहू बहता हो,
शायद वो हमारी माँ की आहो का लहू है, 
न जाने कब एक कतरा कम पड़ जाये, 
रोने को हमको।।
और सरकार बोलेगी रोना नहीं, 
हम है आंसूओ को पोछने को तुम्हारे संग।

वाह रे सरकार वाह,

कब आप समग्र प्रयास करेगे हमारी गंगा को बचाने का...???

Tuesday 15 May 2012

तप के ताप से जल जाओगे तुम :-

तप के ताप से जल जाओगे तुम,
माँ की वेदना से बह जाओगे तुम,
माँ को ना देखो धर्म के चश्में से तुम,
इतना रुलाओं ना मेरे माँ को तुम ,
नहीं तो दुनिया देखने को तरस जाओगे तुम।।

न सत्ता होगी और ना ही सत्ता का प्रेम :-

संतों की तपस्या से सांसद तो कल जाग गये,
अब सत्ता के जागने की बारी / समय है,
नहीं तो संतो का अनुसरण कर,
अगर जनता पूर्ण रूप से जाग गयी तो,
2014 में उत्तर प्रदेश का 2012 दोहराया जायेगा,
और फिर न सत्ता होगी और ना ही सत्ता का प्रेम,
अब तो जाग जाएये प्रधानमंत्री की पूर्व शक्तियां ।।

Monday 14 May 2012

मैं आज भी बहती हूँ तुम्हारे लिए :-


गयी हूँ मर ना हो यकी तो देखो छु के मुझको,
मैं आज भी बहती हूँ तुम्हारे लिए।
लाश है ये जिंदा तुमको यकी ना होगा,
वक्त और अपनों ने मेरी रूह को मारा है।
पर कलयुग में मेरे पुत्रों ने,
मुझमें प्राण भरने का संकल्प किया है,
अपने तप से।।

"जय हो गंगा पुत्रों की, जय हो माँ गंगा की"

Sunday 13 May 2012

दुनिया में सबसे बड़ा बलिदान किसका है...???

प्रशन :- दुनिया में सबसे बड़ा बलिदान किसका है...???
 

उत्तर :- मेरे नज़र में दुनिया में सबसे बड़ा बलिदान "नदी" करती है, क्योंकि जीवन भर दूसरो को जीवन देती है और समुद्र से मिलने के लिए वह अपने अस्तित्व को ख़त्म कर देती है और फलस्वरूप पाती है समुद्र का खारा पानी अपने मीठे पानी के बदले, समुद्र कभी नदी के पास बरात लेकर नहीं आता।

जो थी सदा नीरा, उसके आज नीर बहते है :-

 जो थी सदा नीरा, उसके आज नीर बहते है।
जिसने सब को अपने प्रेम में था बाँधा,
उसको बाँधने में लगे हैं, आज के राजा।
जो थी सदा नीरा, उसके आज नीर बहते है।

मानसून की प्रतीक्षा करती सरकार :-

भारत सरकार तो सिर्फ इस बात की प्रतीक्षा करती दिख रही है कि, कब मानसून आये और वे कह सके की हमने गंगा में पानी छोड़ दिया है। अत: अब गंगा पुत्रो को तपस्या करने के कोई आवश्कता नहीं है।
और क्या हुआ "गंगा तिरंगा" का नारा देने वाले दल का, वे क्यों मौन है....???  क्या वे फिर चुनाव की प्रतीक्षा में हैं.....???

Wednesday 18 April 2012

गंगा के निर्मलीकरण व अविरल प्रवाह के लिए वाराणसी के अधिवक्ताओं का धरना :-

गंगा के निर्मलीकरण व अविरल प्रवाह के लिए वाराणसी के अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी, वाराणसी के कार्यालय के सम्मुख धरना दिया  और  गंगा सेवा अभियानम द्वारा चलाये जा रहे आन्दोलन का पुनः समर्थन किया।
 उक्त धरना व अन्य के सम्बन्ध में संयुक्त बार की बैठक श्री अंशुमान दुबे (सचिव व संस्थापक-"काशी साईं परिवार")  के प्रस्ताव पर आहूत की गयी। 
अधिवक्ताओं ने एक मत से गंगा के निर्मलीकरण व अविरल प्रवाह के लिए चलाये जा रहे आन्दोलन का समर्थन किया और भविष्य में भी समर्थन देने का वादा भी माँ गंगा के लिए किया। 
धरने के उपरांत जिलाधिकारी, वाराणसी के प्रतिनिधि को एक पत्रक अध्यक्ष-सी.बी.ए. एवं अध्यक्ष-बी.बी.ए. ने दिया।
 
 

Sunday 18 March 2012

गंगा स्तुति :- तुलसीदास

जय जय भगीरथ नन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दनि,
नर-नाग-बिबुध-बन्दिनि जय जहनु बालिका।

बिस्नु-पद-सरोजजासि, ईस-सीसपर बिभासि,

त्रिपथ गासि, पुन्रूरासि, पाप-छालिका।

बिमल बिपुल बहसि बारि, सीतल त्रयताप-हारि,

भँवर बर, बिभंगतर तरंग-मालिका।

पुरजन पूजोपहार, सोभित ससि धवलधार,
भंजन भव-भार, भक्ति-कल्पथालिका।

थ्नज तटबासी बिहंग, जल-थल-चर पसु-पतंग,
कीट,जटिल तापस सब सरिस पालिका।

तुलसी तव तीर तीर सुमिरत रघुवंस-बीर,
बिचरत मति देहि मोह-महिष-कालिका।

Sunday 19 February 2012

भारत निर्माण = मानव प्रेम

अपने आचार और विचार से करना है, इसे भारत का निर्माण का जहाँ ना हो किसी भी किस्म का धर्मवाद, पंथवाद अथवा जातिवाद। अगर कुछ हो तो सिर्फ और सिर्फ मानव प्रेम। मानव प्रेम के लिए हमे अपने देश में रहने वाले सभी लोगो एक सामान समझते हुए संगठित रहना होगा। 
देश के वाह्य व आतंरिक दुश्मनो से सावधान रहना होगा और देश के संविधान के अंतर्गत बने कानूनों का पालन करना होगा।  
तभी होगा सच्चा भारत निर्माण....!!

काशी साईं गौरव श्री (अलंकरण) :-

आज तिथि 19-02-2012 दिन रविवार को काशी साईं फाउंडेशन सोसाइटी के सचिव श्री अंशुमान दुबे द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता श्री श्रीनाथ त्रिपाठी को "विधि क्षेत्र व अधिवक्ता कल्याण क्षेत्र" में किये गए उत्कृष्ट कार्यो के लिए संस्था द्वारा प्रदत्त "काशी साईं गौरव श्री" अलंकरण से सम्मानित करके काशी के गौरव का सम्मान किया गया। "काशी साईं गौरव श्री" अलंकरण सम्मान में अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, कलम (Pen) व साईं-कर्म छायाचित्र भेंट किया गया। इस अवसर पर संस्था के सह-सचिव श्री मुकेश कुमार विश्वकर्मा तथा अधिवक्तागण क्रमश: श्री अशोक कुमार पाण्डेय, अजय सिंह, रत्नेश कुमार पाण्डेय, ध्रुव कुमार पाण्डेय, भानु स्वरुप लाल (कुंदन), संजय कुमार श्रीवास्तव, रमन प्रसाद श्रीवास्तव, पंकज प्रकाश पाण्डेय  आदि उपस्थित थे।







चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-

उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...